अब श्रीलंका में भी अडानी का जादू ! मिल सकता हैं तीन हवाई अड्डों का कॉन्ट्रैक्ट, भारत के लिए बड़ी खबर

भारत के अडानी समूह को श्रीलंका के तीन हवाई अड्डों का मैनेजमेंट मिल सकता है। इसे लेकर दोनों पक्षों के बीच बातचीत अडवांस स्टेज में है। अगर यह डील हो जाती है तो इसे भारत की बड़ी भूराजनीतिक जीत के तौर पर देखा जाएगा। चीन ने श्रीलंका को अपने कर्ज के जाल में फंसाकर गंभीर आर्थिक संकट में डाल दिया है।

कोलंबो: भारत के अडानी समूह को श्रीलंका में तीन हवाई अड्डों के मैनेजमेंट का कॉन्ट्रैक्ट मिल सकता है। इसके लिए अडानी समूह श्रीलंकाई अधिकारियों के साथ बातचीत कर रहा है। अडानी समूह जिन प्रमुख अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डों के मैनेजमेंट का कॉन्ट्रैक्ट लेने की कोशिश कर रहा है, उनमें कोलंबो में भंडारनायके अंतराष्ट्रीय हवाई अड्डा भी शामिल है। श्रीलंका के पर्यटन, भूमि, खेल और युवा मामलों के मंत्री हरिन फर्नांडो ने शुक्रवार को कहा कि दोनों पक्षों के बीच तौर-तरीकों पर चर्चा की जा रही है और इसमें मैनेजमेंट कॉन्ट्रैक्ट्स भी शामिल हो सकते हैं।

  • कौन-कौन से हवाई अड्डे पर हैं अडानी ग्रुप की नजर

प्रस्तावित किए जा रहे अन्य हवाई अड्डों में कोलंबो का रतमलाना हवाई अड्डा और हंबनटोटा का मटाला हवाई अड्डा शामिल है। मटाला को दुनिया का सबसे खाली अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा भी कहा जाता है। इसे चीन से कर्ज लेकर बनाया गया था, लेकिन आज के समय यहां एक भी फ्लाइट नहीं उतरती है। श्रीलंकाई सरकार ने इसे लंबे समय तक पार्किंग की फैसिलिटी वाला हवाई अड्डा बनाने की कोशिश की थी, लेकिन उनका यह प्लान भी फेल रहा था। सिर्फ कोविड महामारी के दौरान यहां फ्लाइट्स उतरीं और लोगों को एयरपोर्ट के अलग-अलग इलाकों में क्वारंटीन किया गया था।

  • बिजनेस लाइन की रिपोर्ट के अनुसार,

श्रीलंकाई मंत्री हरिन फर्नांडो ने बताया, “हवाई अड्डों के प्रबंधन के लिए अडानी समूह के साथ काम करने की योजना है।” हवाई अड्डों के मैनेजमेंट में किसी प्राइवेट कंपनी को शामिल करने की योजना श्रीलंका में पर्यटन उद्योग को फिर से बूस्ट करने की पहल के बीच लाई गई है। कोविड महामारी के कारण श्रीलंका का पर्यटन उद्योग बुरी तरह से प्रभावित हुआ था। लेकिन, साल 2023 में श्रीलंका में विदेशी पर्यटकों का आगमन 2022 के मुकाबले दोगुना देखा गया। पर्यटकों की बढ़ती संख्या के कारण श्रीलंका के हवाई अड्डों पर बुनियादी ढांचों की कमी पड़ रही है। लेकिन, उम्मीद है कि प्राइवेट कंपनी के आने से सुविधाओं में विस्तार होगा और यात्रियों को बेहतरीन अनुभव मिलेगा।

  • श्रीलंका में अडानी समूह का पहले से निवेश

अगर यह डील सफल होती है, तो यह अडानी समूह का पहला विदेशी एयरपोर्ट अधिग्रहण होगा। अडानी समूह ने श्रीलंक में पहले से ही बंदरगाहों और नवीकरणीय ऊर्जा क्षेत्र में निवेश किया हुआ है। पिछले साल नवंबर में अडानी समूह ने कोलंबो में अपने पश्चिमी कंटेनर टर्मिनल प्रोजेक्ट के लिए यूएस इंटरनेशनल डेवलपमेंट फाइनेंस कॉरपोरेशन से 553 मिलियन डॉलर की फंडिंग हासिल की थी। अमेरिका के समर्थन को व्यापक रूप से क्षेत्र में चीनी प्रभाव को रोकने के कदम के रूप में देखा गया।

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