राज्यपाल को इस्तीफा सौंपने के बाद नीतीश ने कहा, सभी दलों को एक साथ हमने लाया लेकिन वहां जो भी काम चल रहा था बहुत स्लो था उससे मन में दुख था. अब हम इंडिया गठबंधन का हिस्सा नहीं है. हमने इंडिया गठबंधन छोड़ दिया है.नीतीश
लोकसभा चुनाव से पहले बिहार में हुए एक बड़े राजनीतिक घटनाक्रम के तहत जेडीयू प्रमुख नीतीश कुमार, इंडिया गठबंधन छोड़कर भाजपा के पाले में आ गए हैं। उन्होंने नौवीं बार बिहार के मुख्यमंत्री पद की शपथ ली है। उनकी सरकार में भाजपा भी शामिल हो गई है। राजनीतिक जानकारों का मानना है कि भाजपा ने नीतीश कुमार को साथ लेकर, विपक्षी गठबंधन की सोशल इंजीनियरिंग को काफी हद तक नुकसान पहुंचा दिया है। अब राष्ट्रीय जनता दल और कांग्रेस के पास, यादव व मुस्लिम समुदाय बचा है। इन समुदायों पर विपक्षी गठबंधन का बड़ा प्रभाव है। भाजपा के लिए इस वोट बैंक में सेंध लगाना किसी बड़ी चुनौती से कम नहीं है। जातिगत जनगणनना के नतीजों के बाद राष्ट्रीय जनता दल और कांग्रेस पार्टी, उक्त दोनों समुदायों को अपना मानकर चल रहे हैं
नीतीश कुमार का जाना इंडिया गठबंधन के लिए एक बड़ा झटका माना जा रहा है. बिहार में 40 लोकसभा सीटें हैं. जहा नीतीश के साथ रहते इंडिया गठबंधन बीजेपी को मज़बूत चुनौती देने की स्थिति में था.लेकिन ये इंडिया गठबंधन के लिए पहला झटका नहीं है. कुछ दिन पहले ही ममता बनर्जी ने स्पष्ट कर दिया कि पश्चिम बंगाल में सीटों का बंटवारा नहीं होगा और उनकी पार्टी अकेले अपने दम पर चुनाव लड़ेगी.