Ram Mandir News: रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के लिए आखिर क्यों चुना गया 22 जनवरी का ही दिन? जानें क्यों खास है यह मुहूर्त

Ram Mandir Shubh Muhurt: अयोध्या की नवनिर्मित राम मंदिर में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के लिए 84 सेकंड का शुभ मुहूर्त निकाला गया है. ये शुभ समय 22 जनवरी 2024 को 12 बजकर 29 मिनट 8 सेकंड से 12 बजकर 30 मिनट 32 सेकंड तक का होगा. आइए हम आपको बताते हैं कितना खास है यह मुहूर्त…

अयोध्या में राम मंदिर के उद्घाटन को लेकर जोरशोर से तैयारियां चल रही हैं. इस कार्यक्रम में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से लेकर देशभर के कई गणमान्य लोग शामिल होंगे, जिनमें धार्मिक एवं आध्यात्मिक गुरुओं के साथ-साथ फिल्म स्टार्स, खिलाड़ी और कई बड़े कारोबारी भी शामिल होंगे.

अयोध्या की नवनिर्मित राम मंदिर में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के लिए 84 सेकंड का शुभ मुहूर्त निकाला गया है. ये शुभ समय 22 जनवरी 2024 को 12 बजकर 29 मिनट 8 सेकंड से 12 बजकर 30 मिनट 32 सेकंड तक का होगा. ऐसे में कई लोगों के मन में यह सवाल उठ रहा है कि आखिर रामलला की मूर्ती स्थापित करने के लिए यही समय क्यों चुना गया? तो आइए हम आपको इसकी वजह बताते हैं…

प्राण प्रतिष्ठा के लिए क्यों चुना गया 22 जनवरी का दिन?
हिंदू पौराणिक कथाओं के अनुसार, भगवान राम का जन्म अभिजीत मुहूर्त, मृगशीर्ष नक्षत्र, अमृत सिद्धि योग और सर्वार्थ सिद्धि योग के संगम पर हुआ था. ये सारे शुभ योग 22 जनवरी 2024 को एक फिर से साथ होंगे. इसलिए यह अयोध्या में राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा के लिए सबसे आदर्श दिन बन जाता है.

अयोध्या में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम को देखते हुए उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार ने 22 जनवरी को स्कूल कॉलेजों की छुट्टी घोषित की है. इस दिन राज्यभर में शराब की बिक्री पर भी प्रतिबंध लगाया गया है. समाचार एजेंसी ANI के अनुसारसीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा, ’22 जनवरी को श्रीरामलला के नवीन विग्रह की प्राण-प्रतिष्ठा ‘राष्ट्रीय उत्सव’ है. इस समारोह से आम जनमानस के भावनात्मक जुड़ाव को देखते हुए इस दिन प्रदेश की सभी शिक्षण संस्थाओं में अवकाश रहेगा और शराब की दुकानें भी बंद रखी जाएंगी.’

अयोध्या में 16 जनवरी से शुरू हो जाएगा कार्यक्रम
राम मंदिर की प्राण का पूरा कार्यक्रम 16 जनवरी से शुरू होकर 22 तक चलेगा. अयोध्या में 16 जनवरी से रामलला पूजन की प्रक्रिया शुरू हो जाएगी. फिर 17 जनवरी को श्रीविग्रह का परिसर भ्रमण कराया जाएगा और गर्भगृह का शुद्धिकरण होगा. इसके बाद 18 जनवरी से अधिवास प्रारंभ होगा, जिसमें सुबह और शाम जलाधिवास, सुगंध और गंधाधिवास भी होगा.

वहीं 19 जनवरी की सुबह फल अधिवास और धान्य अधिवास होगा. फिर 20 जनवरी को सुबह पुष्प और रत्न व शाम को घृत अधिवास होगा. 21 जनवरी को सुबह शर्करा, मिष्ठान और मधु अधिवास व औषधि और शैय्या अधिवास होगा और फिर 22 जनवरी को मध्य दिवस में रामलला के विग्रह की आंखों से पट्टी हटायी जाएगी और उन्हें दर्पण दिखाया जाएगा.

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